लाल किताब ज्योतिष ( पृष्टभूमि और व्याख्या ) लाल किताब ज्योतिष आया कहाँ से ? इसके अजीब से उपायो के तर्क क्या है ? इसमें राशियों में महत्व को क्यों मिटा...
लाल किताब (व्याकरण और व्याख्या )
प्रस्तुत पुस्तक में लाल - किताब पद्धति से कुण्डली की व्याख्या करने के लिए उसके सिद्धान्तों को जो उसके व्याकरण विभाग में दिये हुए है जानना अति आवश्यक है, क्योकि लाल- किताब पद्धति की अपनी एक अलग व्याकरण है जो परम्परागत ज्योतिष से कुछ हट कर है I अत: प्रस्तुत पुस्तक में लाल -किताब के व्याकरण खण्ड को लेकर उसको सर भाषा में प्रस्तुत करने की एक छोटा सा प्रयत्न है ताकि जनसाधारण भी इसको अच्छी तरह जान कर इसको अपने उपयोग में लाकर अपने जीवन में अपने को समर्थ बना सके I
व्याकरण परिचय
ग्रहो के पक्के घर
एक ग्रह का दूसरे ग्रह से सम्बन्ध
ग्रह राशि का आपसी सम्बन्ध
सोया भाव और सोया ग्रह
आयु के कौन से वर्ष में किस राशि न. व् भाव न. के ग्रह प्रभावी होंगे इत्यादि I
LAL DAIRY - Hindi व्याकरण के सिद्धांत नव गृह अवं उपाय उपाय सम्बन्धी आवश्यक निर्देश विवाह को सफल बनाने के उपाय पितृऋण और उनके उपाय कुंडली के १२ भावों से...
इल्मे सामुद्रिक की लाल किताब लाल किताब पाँच भागो में क्रमश: 1939,1940, 1941, 1942, और 1952 में प्रकाशित हुई थी l 1952 में प्रकाशित पुस्तक इल्मे सामुद्रिक की लाल किताब...
लाल किताब के अद्धभूत टोटके एवं उपाय प्राय: नवग्रहों के कुप्रभाव से बचने के लिये रत्न, यंत्र व् जड़ी धारण, मंत्र जाप, नवग्रह उपासना आदि बताये जाते है I व्यस्तता...
LAL KITAB ASTROLOGY (BACKGROUND AND EXPOSITION) What is the origin of Lal Kitab Astrology? What is the logic behind its strange remedies? Why the signs of Zodiac have not been...
लाल किताब (मूल सिद्धान्त और टोटके )
अनिष्ट निवारण के उपायो और टोटको की प्रसिद्ध पुस्तक लाल किताब के लिए औपचारिक परिचय की आवश्यकता नहीं है I जो इसे जानते है उनका इसके प्रति अटूट विश्वास है I संकट के समय इसके आलोचक भी टोटको का प्रयोग कर लाभ प्राप्त करते है और चमत्कार देखते है, किन्तु लाल किताब के उपयो की सटीकता तथा प्रभाव क्षमता का रहस्य बहुत कम लोग जानते है I प्रस्तुत रचना में विद्वान लेखक ने लाल किताब की मनोवैज्ञानिक तथा दार्शनिक पृष्टभूमि पर प्रकाश डालते हुए उसके उपायो और टोटको की उपयोगिता सिद्ध की है I इसके अध्ययन द्वारा टोटको के प्रयोग का सम्यक ज्ञान प्राप्त करके पाठक अवश्य ही लाभानिव्त होंगे I