Your Face mirrors Fortune Physiognomy is directly related with Astrology and Astronomy. A large number of treatises are found in ancient shastras of Hindus on this subject. Prahlada’s Samudrika Shastra...
षट्पंचाशिका विविध प्रश्नों का सटीक विचार l प्रश्नविज्ञान के मुलभूत सिद्धान्त l जीवन के ज्वलन्त प्रश्नों का समाधान l सात अध्यायों में समस्त विषयो का विभाजन l लगभग १४०० वर्ष...
मूक प्रश्न विचार मूक प्रश्न का निर्धारण या यथार्थ ज्ञान करना एक जटिल पहेली है तथापि हमारे पूर्वज महर्षियो एवं आचार्यो ने इसका रहस्योद्घाटन करने के लिए प्राचीनकाल से अद्यावधि...
नक्षत्र फल दर्पण
भविष्यवाणी करने में जिन साधनो की आवश्यकता होती है उनमे नक्षत्र अपना विशिष्ट स्थान रखते है i भारतीय पद्धति में तो गणना का आरम्भ ही नक्षत्रो से होता है I इसीलिए भारतीय पद्धति नाक्षत्रिक पद्धति है I इसी पद्धति की उत्तकृष्टता, श्रेष्ठता एवं उपयोगिता पर इस पुस्तक में प्रकाश डाला गया है I
नक्षत्रो के कारकत्व के सम्बन्ध में उनका दशा में प्रयोग कैसे होता है ? उनसे गोचर में फल कैसे कहा जाता है और उनका जन्म कुंण्डली में क्या महत्व है ? वे हमारी दशा पद्धति के कैसे मूल स्तम्भ है ? इत्यादि सभी उपयोगी विषयो का उल्लेख इस पुस्तक में है I
ग्रहो की उच्चता और नक्षत्र पाठको के विशेष देखने योग्य अध्याय है जिनके द्वारा भारतीय ज्योतिष की मौलिकता, उनका भारत में जन्म, उनका आध्यात्मिक आधार आदि बहुत सी बाते ज्योतिष जगत के सामने पहली बार लाई गई है I
YOUR DESTINY IN THUMB We may observe the Chakra (wheel) generally, in all hands: but the concept of the wheel raised in the mind several types of the same, namely...
Laghu Parasari - Hindi
लघु पाराशरी हमारी उस प्राचीन प्रतिपादन शैली का एक उत्कृष्ट व अनूठा नमूना है जिसके दर्शन हमें संस्कृत के सूत्रकारिका संग्रह आदि पद्धिति से रचित ग्रंथों में होते हैं i जिस प्रकार पाणिनीय व्याकरण में प्रवेश पाने के लिए लघु सिद्धांत कौमुदी के महत्त्व को सभी जानते हैं, उसी प्रकार फलित ज्योतिष के गहरे अध्ययन की और जिज्ञासुओं के लिए यह पुस्तक मुख्य प्रवेश द्वार है i यही कारण है की सुदीर्घ काल से यह फलित ज्योतिष के पठन - पाठन में अपना अक्षुण्ण स्थान बनाए हुए है i सम्पूर्ण पाराशर मत का ४२ श्लोकों में जो नवनीत प्रस्तुत किया गया है वह वास्तव में ज्योतिष में प्रवेश चाहने वालों के लिए हृष्टि - पुष्टि व तुष्टि प्रदान करने वाला है i
व्यापार रत्न प्राचीन सहिंताए एवं अर्धकांड -सम्बन्धी सभी उपलब्ध ग्रन्थ-रूपी रत्नाकर (समुद्र) का मंथन करके यह अन्वर्थ नाम 'व्यापार रत्न ' ग्रन्थ सरल सुबोध भाषा में लिखा गया है I...
IT IS OUR GREAT PREVILEGE TO PRESENT TO THE READERS FOR THE FIRST TIME IN ENGLISH THE BOOK "HORA SHATAK" BY SHRI J.N. BHASIN CONTAIN-ING RULES FOR THE JUDGEMENT OF...
BHRIGU SUTRAM Just as celestial bodies represent the almighty so does a sage in many ways Bhrigu Rishi with his divine insight, not fruitfully possessed by an ordinary mortal, created...